पंचायती राज दिवस और उसका इतिहास

 

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..

गांवों से ही भारत की पहचान है और गांवों से ही देश का विकास है…...


     24 अप्रैल के दिन राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भारत का दिल गांवों में बसता है और देश की समृद्धि भी गावों से ही होती है. देश में करीब 6 लाख से ज्यादा गांव हैं जो 6 हजार से ज्यादा ब्लॉक और 750 से ज्यादा जिलों में बंट चुके हैं. पंचायती राज का तात्पर्य स्वशासन से होता है और यह व्यवस्था शासन के विकेंद्रीकरण के अंतर्गत आता है. पंचायती राज संस्था को भारत के सबसे पुराने शासी निकायों में मानते हैं और हर साल सत्ता के विकेंद्रीकरण के ऐतिहासिक क्षण को याद करने के लिए ये दिन मनाते हैं.

 पंचायती राज व्यवस्था का चलन लॉर्ड रिपन ने शुरू किया था. साल 1882 में रिपन ने स्थानीय संस्थआओं को उनका लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया. अगर देश में किसी गांव की हालत खराब है तो उस गांव को सशक्त और विकसित बनाने का काम पंचायती राज व्यवस्था करती है. बलवंत राय मेहता को पंचायती राज संस्थाओं के जनक के रूप में जाना जाता है। बलवंत राय मेहता समिति (1957) की राय के बाद तत्कालीन पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले में पंचायती राज व्यवस्था लागू की थी. इसके कुछ दिनों बाद आंध्र प्रदेश में ये चलन शुरू हुआ और धीरे-धीरे पूरे देश में विख्यात हुई.मुख्य रूप से 24 अप्रैल 2010 एक इस दिन को मनाने के लिए चुना गया और तब से अब तक इसे मनाया जाता है.

  1. Azadi Ka Amrit Mahotsa –Samaaveshi Vikas–Inclusive Development नाम से प्रधानमंत्री मोदी एक एप्लीकेशन भी लॉन्च करने वाले हैं.
  2.  भारत में 65 प्रतिशत से अधिक आबादी गांवों में ही रहती है. भारत की समृद्धि का आधार गांव माना जाता है और ये गांव जिस स्थानीय शासन व्यवस्था से संचालित होते हैं उनमें से एक पंचायत होती है.
  3. मौर्यकालीन ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र में इसके लेखक कौटिल्य ने स्थानीय स्वशासन की विस्तार पर कुछ लिखा था. इससे ये समझ आता है कि मौर्य काल में इसका स्वरूप काफी विकसित हो चुका था. यूनानी यात्री मेगास्थनीज ने भी मौर्यकालीन गावों के पहलू का जिक्र अपनी बुक ‘इंडिका में किया.
  4. दक्षिण भारत में चोल राजाओं ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था में गावों को पूरी तरह से स्वयत्तता प्रदान कैटेगरी में रखा. ग्राम स्वशासन की पूरी इकाई थी और गांव का प्रशासन गांव वाले ही करते थे.
  5. भारत के संविधान के आर्टिकल 40 में ग्राम पंचायत संगठन के बारे में लिखा हुआ है. आर्टिकल 246 में राज्य विधानमंडल को स्थानीय स्वशासन से जुड़े विषयों पर कानून बनाने का अधिकार मिला है.

The Theme for the National Panchayati Raj Day 2023 is :

 “Sustainable Panchayat: Building Healthy, Water Sufficient, Clean & Green Villages.” The theme focuses on promoting sustainable development in rural areas by ensuring the availability of clean water, promoting good health practices, and creating a clean and green environment.

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