क्या होती है ब्लू इकोनॉमी (Blue Economy)?, जानिए इससे जुड़ी बातें!!!!!
ब्लू इकॉनमी समुद्र से जुड़े उद्योग और सेवाओं को कहा जाता है जो किसी भी
देश के रेवेन्यू में बढ़ोतरी कर सकता है. ब्लू इकोनॉमी में ऊर्जा यानी तेल, गैस और
Renewable energy के अलावा Shipping, Maritime Transport, Agriculture, Fisheries
और Tourism Sectors शामिल होते हैं. समुद्री रास्तों, नए बंदरगाहों और समुद्री
सामरिक नीति (Strategic Policy) के जरिये अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना ही ब्लू
इकोनॉमी कहलाता है.
“Blue
Economy is the sixth dimension of Government of India’s Vision of New India by
2030.”
प्रधानमंत्री
श्री नरेंद्र मोदी जी ने केरल और कर्नाटक राज्य की चर्चा करते हुए बताया कि अन्य दक्षिण
भारतीय राज्यों जैसे तटीय राज्यों में नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी) विकसित करने
के लिए व्यापक योजना चलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि नीली अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर
भारत का महत्वपूर्ण स्रोत होगी. बंदरगाहों तथा तटीय सड़कों को कनेक्ट किया जा रहा है
और इसका फोकस मल्टीमोड कनेक्टिविटी पर है. उन्होंने कहा कि हम अपने तटीय क्षेत्र को
जीवन यापन की सुगमता तथा व्यापार-सुगमता के रोल मॉडल में बदलने के उद्देश्य से काम
कर रहे हैं. उन्होंने अपने संबोधन में
यह भी कहा
कि
नीली
अर्थव्यवस्था (Blue Economy) आत्मनिर्भर भारत
का
एक
महत्वपूर्ण स्रोत बनने जा
रही
है।
कैसे
काम
करती
है
ब्लू
इकोनॉमी?
इसमें सबसे पहले समुद्र आधारित Business
Model तैयार किया जाता है, साथ
ही संसाधनों को ठीक से इस्तेमाल करने और समुद्री कचरे से निपटने के Dynamic
Model पर कम किया जाता है. पर्यावरण
फिलहाल दुनिया में एक बड़ा मुद्दा है ऐसे में ब्लू इकोनॉमी को अपनाना इस नज़रिये से भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. ब्लू
इकोनॉमी के तहत फोकस Minerals समेत Marine
Products पर होता है. समुद्र
के जरिये व्यापार का सामान भेजना Truck,
Train या अन्य साधनों के मुकाबले पर्यावरण की दृष्टि से बेहद साफ़-सुथरा साबित होता है.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हाल में लॉन्च की गई 20 हजार
करोड़ रुपये की मत्स्य संपदा योजना की भी चर्चा की. इस
योजना से केरल तथा कर्नाटक में लाखों मछुआरे प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे. भारत
मछली उत्पाद निर्यात में तेजी से प्रगति कर रहा है. भारत
को गुणवत्ता सम्पन्न सी फूड प्रोसेसिंग हब में बदलने के सभी कदम उठाए जा रहे हैं.
Ø The idea of the “blue economy”
was conceived at the Rio+20 United Nations Conference on Sustainable
Development, held in Rio de Janeiro in June 2012.
Ø 'Mr.
Arun Krishnan'
is the father of the blue revolution in India.
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