विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस

 विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मस्तिष्क के स्वास्थ्य को समझने और उसको स्वस्थ रखने को ले कर समर्पित है। ठीक वैसे ही जैसे हम अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उसका ध्यान रखते हैं ,अच्छे भोजन,व्यायाम,योग और ध्यान के द्वारा ताकि हम स्वस्थ और मजबूत बन सके । हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है हमारे जीवन के लिए ।

आपकी शारीरिक देख भाल एक आवश्यकता है;
“आपका मानसिक स्वास्थ्य एक प्राथमिकता है।
मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है यह याद दिलाने के लिए कि हम क्या सोचते हैं ,कैसा महसूस करते हैं ये सब भी बहुत जरूरी है, ये जरूरी है जानना कि ,आप क्या सोचते हैं ,कैसे सोचते हैं ,आपका अधिकतर समय किन बातों ,चीजों को सोचते बीतता है ,क्या वो सकारात्मक हैं ,या वो नकारात्मक हैं। आप के विचार आपके जीवन को स्वस्थ खुश और आनंद से भर देने के लिए काफी है साथ ही वो सक्षम हैं आपकी हसीन जिंदगी को बोरिंग और दुख से भर देने के लिए.।
कुल मिला कर अगर हम कहे कि आपके विचार ही आपको चलते हैं ,आप आज क्या हैं, क्या थे ,और क्या होंगे ये आपके विचार ही तय करते हैं आप की भावनाएं आपके विचार ही आप के जीवन का निर्माण करते हैं।
आपने वो गाना सुन ही होगा "हम जैसा सोचें ये जहां है वैसा ही "
मानसिक स्वास्थ्य बच्चों के अंदर तो सुपर हीरो की तरह कार्य करता है ,ये मदद करता है उन्हे आगे बढ़ने में ,नई चुनौतियों के माध्यम से उन्हे अच्छा महसूस कराता है ,उन्हे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बनए रखने का सबसे सही तरीका है अपनी भावनाओ को अभिव्यक्त करना .
अपने माता पिता या मित्रों से बात करें ,जीवन मे एक आदमी तो ऐसा रखे जिसके सामने आप जो चाहे अच्छी या बुरी भावनाएं व्यक्त कर सकें,अपना दिल हल्का कर सकें। कोई बात आप को परेशान कर रही है तो उससे छुटकारे का सबसे अच्छा तरीका है अपनी इस भावना को किसी से अभिव्यक्त करना।
किसी भी मस्तिष्क को स्वस्थ रखने का सबसे सही आसान और अचूक तरीका है या आप कह सकते हैं कि महाशक्ति है ,अपने दिमाग को सक्रिय रखना ।
अपना पसंदीदा खेल खेलें ,नाचे, ,दौड़े,झूमे और आप पाएंगे की आप का मन मस्तिष्क खिल उठा । आप अपनी पसंदीदा काम करें ,जिसमे आप खो जाएं ,जिसमे आप को मज़ा या जाए। बस देखिए कहाँ टिकता है अवशाद ।
रात की नीद भी आप को स्वस्थ और ताजा रखने मे मदद करती है ,अगर आपकी नीद पूरी नही हुई तो फिर आप सुबह बावरे बने घूमते रहोगे ,कहीं कुछ मन नही लगेगा । तो जरूरी नीद आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है ।
दयालु बने मदद करे किसी जरूरतमंद की मदद करें ,कुछ नही तो किसी जरूरत मंद मित्र की बात सुने ,अपनी बात कह के वो तो हल्का होगा ही उसकी मदद कर के आप खुद को भी अच्छा महसूस करा सकते हैं।
मुस्कुराइए और दुनिया में मुस्कुराहट फैलाइए ,मुस्कुराहट को साझा करें ,लोगों के साथ बाटें ।
हंसे और खिलखिलायें।
मन को स्वस्थ बनाएं ॥
दुनिया इतनी अच्छी इसलिए है क्यों की यहाँ सब अद्वितीय हैं सबमें कुछ न कुछ अलग है ,उसको ढूँढे और उसे साझा करें क्योंकि वो अद्भुत चीज सिर्फ आप के पास है।
दूसरों से अलग होना अच्छी बात है उसका जश्न मनाइए कि आप अलग हैं ,आपने अपने उस अद्वितीय गुण को जान लिया जो सिर्फ आप के पास है । यही तो इस दुनिया को और ऊर्जावान और जागृत बनाता है।
तो आइए उत्सव मनाए हमारे बीच के अंतर का और अपने अनोखेपन पर गर्व करें। जब भी अभिभूत महसूस करें तो उसमें कोई संकोच न करें ,जब भी किसी को मदद का मौका मिले ,बिना किसी उम्मीद के करो अच्छा लगेगा ।
तो आइए आज सब मिलकर एक ऐसे संसार के निर्माण का सपथ लें जहां ,सब अपने अनोखेपन का उत्सव मनाए, जहां कोई जरूरतमंद की मदद मे हिचकिचाए नही और जहां स्वस्थ दिमाग के साथ स्वस्थ समाज बने। जहां हो सिर्फ दयालुता ,समझ और आनंद।
याद रहे :
दिमाग पैराशूट की तरह होते हैं,
खुले रहने पर ही सबसे अच्छा काम करते हैं।

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